Trump Will Meet Asim Munir, असीम मुनीर से मिलेंगे ट्रम्प: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बुधवार दोपहर को भोजन पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर से मिलेंगे. व्हाइट हाउस की ओर से बुधवार के लिए जारी राष्ट्रपति ट्रंप के शेड्यूल में लिखा है कि वो कैबिनेट रूम में पाकिस्तानी जनरल के साथ लंच करेंगे. आसिम मुनीर फिलहाल अमेरिका में हैं.
बंद कमरे में होगी ट्रंप से मुलाकात:
पाकिस्तान के सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर, बुधवार को व्हाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक बंद कमरे में लंच पर मुलाकात करने वाले हैं. यह प्राइवेट लंच कैबिनेट रूम में आयोजित होगा और मीडिया को इसकी कवरेज की अनुमति नहीं दी गई है. राष्ट्रपति के सार्वजनिक कार्यक्रम के अनुसार, ट्रंप और मुनीर के बीच यह बैठक व्हाइट हाउस के कैबिनेट रूम में दोपहर तय की गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपने अमेरिका दौरे के दौरान पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख की अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो और रक्षा मंत्री पीट हेजसेथ से भी मुलाकात की संभावना है. असीम मुनीर ऐसे समय पर अमेरिका पहुंचे हैं जब अमेरिका ईरान पर हमले का लगभग मन बना चुका है.
एक्सपर्ट का कहना है कि ईरान के खिलाफ अगर अमेरिका जंग में कूदता है तो पाकिस्तान का एयरबेस इस्तेमाल कर सकता है और इसीलिए मुनीर को ट्रंप का इतना भाव दे रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति का एक आर्मी चीफ से मिलना खुद पाकिस्तानियों को पच नहीं रहा है। पाकिस्तान के पत्रकार और विश्लेषक वकास ने एक्स पर लिखा, ‘यह हैरान करने वाला है कि ट्रंप पाकिस्तान के आर्मी चीफ के साथ लंच करने जा रहे हैं। एक निचले दर्जे के सरकारी अधिकारी से मुलाकात प्रोटोकाल के बाहर है लेकिन यह दिखाता है कि ट्रंप को जनरल मुनीर की जरूरत है। ईरान के साथ युद्ध में पाकिस्तान के सपोर्ट पर ट्रंप बात करने जा रहे हैं।’
अमेरिका में हो रहा मुनीर का विरोध:
अमेरिका दौरे पर पहुंचे पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर को पाकिस्तानी नागरिकों के विरोध का सामना करना पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को आसिम मुनीर के खिलाफ नारेबाजी की और उन्हें ‘सामूहिक हत्यारा’ बताया. पाकिस्तानी सेना प्रमुख के लिए शर्मिंदगी तब और बढ़ गई, जब प्रदर्शनकारियों द्वारा उन्हें नाम से पुकारने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए गए. कई वीडियो में दिखा कि जब वे वाशिंगटन के एक होटल में पहुंचे, तो लोग उन्हें चिढ़ाते दिखे. कई लोग चिल्ला भी रहे थे.
पाकिस्तान में मिलिट्री बेस से अमेरिका को क्या फायदा?
१. दोस्त और दुश्मन की जंग: मिडिल ईस्ट में तनाव अपने चरम पर है. वो इजरायल जो अब तक हमास से जंग लड़ रहा था, अब ईरान के साथ भी युद्ध में है. इजरायल के साथ न सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरा पश्चिम खड़ा और साफ शब्दों में कह रहा है कि किसी भी सूरत में ईरान परमाणु हथियार नहीं बना सकता. कयास लगाए जा रहे हैं कि अमेरिका इस युद्ध में सीधे तौर पर शामिल हो सकता है. इस युद्ध में एक तरफ अमेरिका का सबसे भरोसेमंद दोस्त इजरायल है तो दूसरी तरफ कट्टर दुश्मन ईरान. पाकिस्तान में सैन्य अड्डा मिलने से अमेरिका ईरान की पूर्वी सीमा पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा सकेगा. जरूरत पड़ने पर वह न सिर्फ जमीनी खुफिया जानकारी जुटा पाएगा, बल्कि सैन्य कार्रवाई की तैयारी भी कर सकेगा.
२. अमेरिका के अफगानिस्तान से निकलने के बाद से इस क्षेत्र में उसकी सैन्य मौजूदगी पूरी तरह खत्म हो गई है. काबुल पर अब तालिबान का शासन है. अमेरिका को इस इलाके में आतंक के दोबारा सिर उठाने की चिंता सताती रहती है क्योंकि यहीं बैठकर लादेन ने 9/11 की साजिश रची थी. पाकिस्तान में सैन्य अड्डा मिलने से अमेरिका को अफगानिस्तान पर निगरानी रखने और संभावित आतंकवादी हमलों को रोकने में मदद मिलेगी. साथ ही पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों और सेना पर भी आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बनाया जा सकेगा.
पीएम मोदी ने ट्रंप के न्योते को ठुकराया:
जनरल मुनीर से मुलाकात से ठीक पहले ट्रंप ने पीएम मोदी से फोन पर बातचीत की है। भारत ने इस बातचीत में साफ कह दिया है कि वह किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा. इससे पहले ट्रंप ने मध्यस्थता करने का ऑफर दिया था। यही नहीं भारतीय पीएम ने ट्रंप का कड़ा संदेश देते हुए कनाडा से अमेरिका आने के ऑफर को भी ठुकरा दिया. ट्रंप ने पीएम मोदी से बातचीत के दौरान अनुरोध किया था कि वह कनाडा से जाते समय अमेरिका जाएं ताकि मुलाकात हो जाए. पीएम मोदी अगर अमेरिका जाते तो ठीक उसी समय जनरल मुनीर भी अमेरिका में होते। इससे संभव था कि ट्रंप एक बार फिर से मध्यस्थता पर जोर देते.