Trump says Iran has much oil, ईरान के तेल पर ट्रंप की नजर: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मदद से कतर की मध्यस्थता में ईरान और इजरायल मंगलवार को 12 दिनों से चल रहे युद्ध को खत्म करने पर सहमत हुए। जब से सीजफायर हुआ है, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ईरान के प्रति कट्टर रवैया बदला-बदला नजर आ रहा है।
बुधवार को पश्चिमी देशों के रक्षा संगठन NATO के एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए ट्रंप ने संकेत दिया कि अमेरिका ईरान को तेल प्रतिबंधों में कुछ ढील दे सकता है, जिससे कि देश का पुनर्निर्माण किया जा सके।
चीन ईरानी तेल खरीदना जारी रख सकता है ट्रंप ने दी है हरी झंडी:
ईरान-इजरायल युद्ध से पहले ट्रंप इस बात के सख्त खिलाफ थे कि कोई भी देश प्रतिबंधित ईरानी तेल खरीदे। चीन ईरानी तेल का सबसे बड़ा खरीददार है और उसने ईरानी तेल पर लगे चीनी प्रतिबंधों का हमेशा विरोध किया है। लेकिन मंगलवार को नेटो शिखर सम्मेलन के लिए जाते वक्त ट्रंप ने कहा कि चीन ईरान से तेल खरीद सकता है। उन्होंने कहा कि इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम पर सहमति के बाद चीन ईरानी तेल खरीदना जारी रख सकता है।
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, ‘चीन अब ईरान से तेल खरीदना जारी रख सकता है। उम्मीद है कि वो (चीन) अमेरिका से भी खूब तेल खरीदेगा।’
ट्रंप के बयान पर व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि ट्रंप बताना चाह रहे हैं कि ईरान ने अब तक होर्मूज की खाड़ी को तेल टैंकरों के लिए बंद करने की कोई कोशिश नहीं की है क्योंकि अगर ऐसा होता तो चीन के लिए मुश्किल हो जाती जो वो नहीं चाहते हैं।
ट्रंप ईरानी तेल पर क्यों हे नजर:
ट्रंप के बयान पर व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि ट्रंप बताना चाह रहे हैं कि ईरान ने अब तक होर्मूज की खाड़ी को तेल टैंकरों के लिए बंद करने की कोई कोशिश नहीं की है क्योंकि अगर ऐसा होता तो चीन के लिए मुश्किल हो जाती जो वो नहीं चाहते हैं।
ईरान इजरायल युद्ध शुरू होते ही तेल की कीमतें अचानक से बढ़ गईं। तेल की बढ़ती कीमतों ने अमेरिका समेत दुनिया भर के देशों को परेशान कर दिया।
इसी बीच ईरान भी धमकी देने लगा कि वो होर्मूज की खाड़ी को बंद कर देगा। यह जलमार्ग फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है। इसके एक तरफ अरब देश तो दूसरी तरफ ईरान हैं। आठ द्वीपों से बने इस खाड़ी के सात द्वीपों पर ईरान का नियंत्रण है। होर्मूज जलमार्ग से दुनिया के कुल तेल खपत का लगभग 30% कच्चा तेल गुजरता है।
दुनिया का एक तिहाई (LPG) भी इसी खाड़ी से होकर गुजरता है। ऐसे में ईरान अगर इस खाड़ी को बंद कर देता तो तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो जातीं। कई विश्लेषकों का तो ये तक कहना था कि अगर होर्मूज जलमार्ग बंद होता है तो तेल की कीमतें 250 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं। अगर ऐसा होता तो पहले ही ट्रंप के टैरिफ से हिली दुनिया की अर्थव्यवस्था और खराब स्थिति में जाने लगती। अमेरिका पहले ही महंगाई से जूझ रहा है और तेल की बढ़ी कीमतों से ट्रंप की घरेलू मुश्किलें बढ़ सकती थीं।