Gambhira Bridge Accident, गुजरात में ब्रिज हादसा: गुजरात में वडोदरा जिले को आणंद से जोड़ने वाला, महिसागर नदी पर बना ब्रिज बुधवार सुबह अचानक टूट गया। ब्रिज टूटने की बजह से एक बड़ी हादसा हो गई। हादसे के समय ब्रिज से गाड़ियां गुजर रही थीं। पुल टूटने पर दो ट्रक, दो कार और एक रिक्शा कुल पांच गाड़ियां नदी में गिर गईं। एक टैंकर टूटे सिरे पर फंस गया। हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है।
हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि 8 को स्थानीय लोगों ने बचाया। दो लोग लापता हैं। फायर ब्रिगेड की तीन टीमें रेस्क्यू में जुटी हैं। 45 साल पुराना यह ब्रिज दक्षिण गुजरात को सौराष्ट्र से जोड़ता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया:
हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है और PMNRF (प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष) से मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।
3 साल पहले से हिल रहा था 43 साल पुराना पुल:
अभी तक जांच में सामने आया है कि 1983 में बना यह पुल 3 साल पहले से हिल रहा था, लेकिन इसकी मरामती नहीं की गई। अगस्त 2022 में, वडोदरा जिले के मुजपुर क्षेत्र के पंचायत सदस्य हर्षदसिंह परमार ने स्थानीय अधिकारियों को पत्र भेजकर पुल में असाधारण कंपन की चेतावनी दी थी। उन्होंने पुल की जांच और रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की थी, लेकिन विभाग ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिससे बड़ा हादसा हुआ।
तीर्थ पर निकले परिवार में बची सिर्फ महिला:
पुल हादसे में सोनमबेन पडियार (46) के परिवार के 6 सदस्यों की मौत हो गई है। वे गुरु पूर्णिमा के लिए परिवार के साथ भावनगर के बगदाना में पूजा करने जा रहे थीं। हादसे में उन्होंने अनपे पति रमेश पढियार (38), बेटा-बेटी और दामाद, पोती वेदिका (4) और पोता नैतिक (2) को खो दिया है। वह हादसे में जीवित बचीं एकमात्र महिला हैं, जिनका वीडियो सोशल मीडिया पर आया था। वह अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगाती दिखाइ दे रही थी।
हादसे के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं लोग
हादसे के बाद तुरंत ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और लोगों को रेस्क्यू किया। एक स्थानीय युवक ने बताया, ‘हम सुबह से ही बचाव अभियान चला रहे हैं। अब तक 13 शव बरामद हुए हैं, जिनमें से एक बच्चा है और एक बच्चा लापता है। इस दौरान हमें प्रशासन और अधिकारियों से कोई मदद नहीं मिली है।’ इनका कहना है कि 45 साल पुराने इस पुल की मरम्मत के लिए प्रशासन को कई बार सूचित किया जा चुका है। प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई न किए जाने के कारण आज यह हादसा हुआ है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस हादसे के लिए पूरी तरह से प्रशासन ही जिम्मेदार है।