Sindoor is made from which plant: भारतीय संस्कृति में ‘सिंदूर’ केवल सौंदर्य नहीं, बल्कि सुहाग, समर्पण, बलिदान और शक्ति का प्रतीक है। यह वो पावन लाल रंग है जो शादीशुदा स्त्रियों के मांग में शोभा बढ़ाता है, तो वहीं किसी वीरता भरे मिशन को जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया जाता है, तब वह दुश्मनों को चेतावनी बन जाता है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में जिस सैन्य कार्रवाई को “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया, उसने इस शब्द को एक बार फिर राष्ट्रीय भावना और सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ दिया। इसी बीच सिंदूर की चर्चा हर तरफ चल रही है। यहां तक कि एंट्रेंस परीक्षा में भी सिंदूर की पैदावार से जुड़े कई सवाल पूछे जाते हैं। सिंदूर, जो एक महिला के प्रेम और प्रतीक्षा का प्रतीक है, अब देश की सैन्य चेतना में भी वही भावना भर रहा है। क्या आप जानते हैं कि यह गाढ़ा लाल रंग प्राकृतिक रूप से किस फल से प्राप्त होता है?
सिंदूर कैसे तैयार किया जाता है?
भारत में सिंदूर दो तरिके से तैयार किया जाता है –
1. पारंपरिक प्राकृतिक तरीका
2. रासायनिक तरीका
पारंपरिक रूप में सिंदूर एक विशेष पेड़ के फल के बीजों से तैयार किया जाता है, जिसे “सिंदूर का पेड़” या “कमिला वृक्ष” कहा जाता है। कमिला फल को संस्कृत में रक्तरोहिणी, हिंदी में सिंदूर फल और अंग्रेजी में Flame of the Forest या Butea Monosperma भी कहा जाता है। यह पेड़ ज्यादातर भारत, नेपाल और दक्षिण एशिया के अन्य हिस्सों में पाया जाता है। इसके फूल लाल या नारंगी होते हैं, जो वसंत में खिलते हैं। इस पेड़ के बीजों से जो पाउडर निकाला जाता है, वह गहरे नारंगी-लाल रंग का होता है और यही प्राकृतिक सिंदूर का स्रोत है।
वर्तमान बाजार में मिलने वाले अधिकतर सिंदूर रासायनिक तत्वों से बनाए जाते हैं, जिनमें पारा (Mercury), लेड (Lead) जैसे हानिकारक तत्व होते हैं। यह त्वचा, आंखों और प्रजनन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।