Shehbaz Sharif Malaysia Visit, शहबाज शरीफ का मलेशिया दौरा: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ 7 अक्तूबर तक मलेशिया के दो दिवसीय दौरे पर हैं. यहां उन्होंने मलेशियाई पीएम अनवर इब्राहिम के साथ द्विपक्षीय बैठक की. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि उनकी सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) पर निर्भरता खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए मलेशिया के साथ आर्थिक सहयोग को और गहरा बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मलेशिया की पार्टनरशिप से आईएमएफ को हमेशा के लिए ‘अलविदा’ कहने की तैयारी में है.
IMF क्या है?
IMF का फुल फॉर्म International Monetary Fund है, जिसे हिंदी में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष कहते हैं. यह एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो वैश्विक मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देने, वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए काम करता है.
मलेशिया से शहबाज ने मांगी मदद:
पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने कहा, “अभी जो हमारा आईएमएफ का कार्यक्रम चल रहा है वो अगले दो सालों में खत्म हो जाएगा. हालांकि अभी हालातों को देखें तो यह पाकिस्तान के लिए काफी जरूरी है.” उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान और मलेशिया के उद्यमी मिलकर संयुक्त निवेश करने का संकल्प लें तो यकीनन हम हमेशा के लिए IMF को अलविदा कह सकते हैं.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद IMF ने पाकिस्तान को दिया था 1 अरब डॉलर का कर्ज:
आईएमएफ ने मई 2025 में पाकिस्तान को लगभग 8,000 करोड़ रुपये (1 अरब डॉलर) की मदद मंजूर की. भारत ने इस पर चिंता जताई थी, क्योंकि यह मदद उस समय दी गई जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया था. भारत ने आईएमएफ से कहा था कि वह यह मदद दोबारा सोचकर दे, क्योंकि पाकिस्तान अपनी जमीन से भारत पर आतंकी हमलों को बढ़ावा देता है.
पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था पर सेना की पकड़:
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर वहां की सेना की पकड़ पर काफी मजबूत है. यही कारण है कि देश में बढ़ती गरीबी और बेरोजगारी के बीच संसाधनों का इस्तेमाल मुख्य रूप से हथियार और आतंकियों पर किया जाता रहा है.








