Restrictions On Jagannath Darshan, जगन्नाथ दरसन पर पाबंधी: पुरी के श्रीजगन्नाथ मंदिर में कल यानि 23 सितम्बर सुबह से एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया शुरू हुई है। जिसके चलते कल सुबह 10 बजे से दर्शन व्यवस्था अस्थायी रूप से बंद कर दी गई है।
दर्शन हुए बंद:
सूचना के अनुसार, अस्थायी रत्नभंडार में सुरक्षित रखे गए महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जी के अनमोल रत्न आभूषणों को आज मूल रत्नभंडार में स्थानांतरित किया जा रहा है। रत्न स्थानांतरण प्रक्रिया के चलते मंदिर के मुख्य गर्भगृह और झूलन मंडप में भक्तों का प्रवेश पूरी तरह से निषिद्ध कर दिया गया है। इसके अलावा मंदिर परिक्रमा पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।ये सभी प्रतिबंध तब तक जारी रहेंगे जब तक आभूषण सुरक्षित रूप से रत्नभंडार में स्थानांतरित नहीं हो जाते।
आभूषणों को अस्थाई गृह में कब स्थानांतरित किया गया था?
14 जुलाई, 2024 की गुंडिचा यात्रा को रत्नभंडार खोले जाने के बाद सबसे पहले बाहरी रत्नभंडार के आभूषणों को अस्थाई गृह स्थानांतरित किया गया था। इसके बाद जिला कोषागार से आई चाबी से भीतरी रत्नभंडार का ताला न खुलने पर 18 जुलाई को मजबूरी में ताला तोड़ा गया। ताला टूटने के बाद वहां से आभूषणों को मात्र दस फुट दूर स्थित खटशेइ घर में सुरक्षित रखा गया था।
एएसआई ने रत्नभंडार के संरक्षण और मरम्मत का काम 17 दिसंबर 2024 से शुरू किया था। लगभग सात महीने तक चले इस कार्य को इस वर्ष 7 जुलाई को पूरा किया गया। काम पूरा होने के बाद अब आभूषणों को फिर से मूल रत्नभंडार में स्थापित करने की प्रक्रिया चलाई जा रही है।
प्रशासन का कहना है कि जैसे ही रत्न आभूषणों का स्थानांतरण कार्य संपन्न होगा, वैसे ही मंदिर में महाप्रभु के दर्शन पुनः सामान्य रूप से शुरू हो जाएंगे।









