क्यों और कब मनाई जाती है चंदन यात्रा? आइये जानतें हैं इसका महत्व
Jagannath Chandan Yatra 2024: ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर में मनाया जाने वाला चंदन यात्रा का विशेष महत्व है। इस उत्सव को देखने के लिए मंदिर में खास इंतजाम और तैयारियां की जाती हैं। जगन्नाथ जी की चंदन यात्रा को देखने के लिए दूर-दराज से भक्तगण जुटते हैं। तो आइए जानते हैं चंदन यात्रा के बारे में विस्तार से।
चंदन यात्रा का महत्व:
- गर्मी से राहत: चंदन यात्रा का मुख्य उद्देश्य भगवान को गर्मी से राहत देना है, क्योंकि वैशाख-ज्येष्ठ के महीने में भीषण गर्मी होती है.
- आध्यात्मिक प्रतीक: चंदन को पवित्र माना जाता है और यह शांति, शीतलता और आध्यात्मिकता का प्रतीक है.
- भक्ति का प्रदर्शन: चंदन यात्रा भक्तों के लिए भगवान के प्रति अपनी भक्ति दिखाने का एक अवसर है.
चंदन यात्रा के दो भाग:
भगवान जगन्नाथ की चंदन यात्रा उत्सव दो हिस्सों में मनाई जाती है। पहला बहार, दूसरा भीतर। बहार चंदन उत्सव अक्षय तृतीया से शुरू होकर 21 दिनों तक चलता है। इस दौरान भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के लिए रथों का निर्माण किया जाता है। इसके साथ ही मंदिर के मुख्य देवताओं की प्रतिनिधि मूर्तियों की पूजा-अर्चना की जाती है। फिर इन मूर्तियों को नरेंद्र तीर्थ तालाब तक लाया जाता है।
इसके बाद फिर अगले 21 दिनों तक भीतर चंदन यात्रा उत्सव का आयोजन किया जाता है। भीतर चंदन यात्रा में कई अनुष्ठान किए जाते हैं। इस दौरान अमावस्या, पूर्णिमा की रात, षष्ठी और शुक्ल पक्ष की एकादशी को चंचल सवारी होती है।
यह यात्रा न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह जगन्नाथ पुरी यात्रा की एक अहम कड़ी भी है जो हर वर्ष हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है।