Turtle Ring Caution: कछुए का रिंग पहने सुबह मन जाता है। बस्तु सस्त्र के अनुसार व्यक्ति कछुआ रिंग पहने से उसका भाग्य खुल जाता है और वह ब्यक्ति माता लक्ष्मी की विशेष कृपा पता है। चाइनीज़ फेंगशुई में भी कछुए को धन आकर्षित करने और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, लेकिन कछुआ रिंग पहनते समय कुछ खास नियमों का पालन करना जरुरी होता है। तो आइए जानते हैं कछुआ रिंग पहनने के नियम, लाभ और इससे जुड़ी सावधानियों के बारे में।
कछुआ रिंग पहनने से क्या लाभ मिलता है?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन के समय कुछुए का रूप धारण किया था। इसीलिए कछुआ रिंग को भगवान विष्णु का कच्छप अवतार माना जाता है। इस अंगूठी को धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा, यह आर्थिक स्थिरता, शांति और सफलता को आकर्षित करता है। लेकिन इसे सही तरीके से पहनना बेहद जरुरी है।
कछुआ रिंग पहनने के सही नियम क्या है?
कछुआ रिंग पहनने से पहले इसके नियम का पालन करना जरूरी है।
१. कछुआ रिंग आमतौर पर चांदी या सोने में उपलब्ध होती है। जिससे इसका सीथा प्रभाव व्यक्ति के मस्तिष्क पर पड़ता है। एक बार अंगूठी पहनने के बाद इसे बार-बार ना घुमाएं। इससे इसकी दिशा बदल जाती है और धन आगमन में समस्या आती है।
२. कछुआ रिंग को हमेशा सीधे हाथ की बीच वाली उंगली या फिर तर्जनी उंगली में पहनना चाहिए। यह उंगली सकारात्मक ऊर्जा को प्रवाहित करने में मदद करती है।
३. कछुआ रिंग को शुक्रवार के दिन पहनना शुभ माना जाता है।
४. कछुए का मुख हमेशा आपकी ओर होना चाहिए। यह ऊर्जा को सही दिशा में प्रवाहित करता है।
५. कछुआ रिंग को नियमित रूप से साफ करें, ताकि यह सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता रहे।