Jaishankar Said On The Tariff Dispute, जयशंकर ने टैरिफ विवाद पर कहा ये बात: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दिल्ली में चौथे कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए मौजूदा वैश्विक परिदृश्य को विरोधाभासी बताते हुए कहा कि आज जोखिम उठाने और जोखिम कम करने की गतिविधियां एक साथ हो रही हैं, जिससे नीति-निर्माताओं के सामने चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. आज हथियारों और युद्ध की प्रकृति मूल रूप से बदल चुकी है.
युद्ध अब अक्सर कॉन्टैक्टलेस वॉर के रूप में लड़े जा रहे हैं, जिनमें स्टैंड ऑफ वेपंस का इस्तेमाल होता है. इनके नतीजे बेहद प्रभावशाली, कभी-कभी निर्णायक भी हो सकते हैं. दुनिया के कई हिस्सों में वैश्वीकरण के विरोध की प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है.
अमेरिका का टेरिफ पर जयशंकर का क्या कहना है?
जयशंकर ने बताया कि अमेरिका ने भारतीय सामानों पर 25% का शुल्क लगाया है. इसके अलावा, रूस से तेल खरीदने पर भारत पर 25% का एक और अतिरिक्त शुल्क लगा है. इस तरह भारत पर कुल 50% का टैरिफ (शुल्क) हो गया है. भारत ने इन शुल्कों को ‘अनुचित’ बताया है. विदेश मंत्री ने कहा कि इन सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए दोनों देश बहुत सक्रियता से काम कर रहे हैं. भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए रूस से तेल खरीदता है, जिस पर अमेरिका को आपत्ति है.
डॉ. जयशंकर ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा कि आज भारत के अमेरिका के साथ कुछ मुद्दे हैं. उन्होंने बताया कि मुख्य बात यह है कि दोनों देशों की व्यापार वार्ताओं में अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है. इसी कारण हम पर कुछ टैरिफ लगाए गए हैं, जिन्हें हमने सार्वजनिक रूप से गलत बताया है. इसके अलावा, रूस से ऊर्जा खरीदने को लेकर भी एक और टैरिफ से जुड़ा विवाद है, लेकिन अन्य देश भी रूस के साथ कारोबार कर रहे हैं. हमें इन मुद्दों को हल करने की जरूरत है और हम इस पर सक्रियता से काम कर रहे हैं.









