Jaish-e-Mohammed’s women brigade, जैश की महिला ब्रिगेड: भारत की सर्जिकल स्ट्राइक्स और ऑपरेशनों से हिल चुके पाकिस्तान के आतंकी संगठन अब अपने तौर-तरीके बदल रहे हैं. भारत के चलाए ऑपरेशन सिंदूर से जब पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की कमर टूट गई, तो उसने अब अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव ला रहा है. जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसी आतंकी संस्थाएं महिलाओं की एक खास ब्रिगेड तैयार कर रहे हैं, जिन्हें धर्म के नाम पर बरगलाकर धर्म के नाम पर बरगलाकर दहतशगर्दी के लिए इस्तेमाल करेगा.
ऑपरेशन सिंदूर में जैश के ठिकाने तबाह:
आपको बता दें, मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान और पीओके में कई आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए थे,जिसमें जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर भी शामिल था. इस ऑपरेशन में मसूद अजहर के भाई और परिवार के कई सदस्य मारे गए थे. अब उसी बौखलाहट में जैश भारत के खिलाफ महिलाओं को ढाल बनाकर नई साजिश रच रहा है. साफ है, भारत की सर्जिकल स्ट्राइक्स और ऑपरेशनों से हिल चुके आतंकी संगठन अब अपने तौर-तरीके बदल रहे हैं.
क्या हे जैश की महिला ब्रिगेड:
जैश-ए-मोहम्मद ने ‘जमात-उल-मोमिनात’ नाम से अपनी पहली महिला ब्रिगेड के गठन की घोषणा की है. यह फैसला जैश के प्रमुख और संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर के नाम से जारी एक लेटर के जरिए सार्वजनिक किया गया है. इस नई ब्रिगेड के लिए भर्ती 8 अक्टूबर को पाकिस्तान के बहावलपुर में स्थित मरकज उस्मान-ओ-अली में शुरू भी हो गई है. इसमें सबसे खास बात यह है कि इस महिला आतंकियों की ब्रिगेड की जिम्मेदारी खुद मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर को मिली है.
सूत्र बताते हैं कि जैश ने अपने कमांडरों की पत्नियों के साथ-साथ बहावलपुर, कराची, मुजफ्फराबाद, कोटली, हरिपुर और मनसेहरा में अपने केंद्रों में पढ़ने वाली आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को भी इस ब्रिगेड में शामिल करना शुरू कर दिया है.
क्या हे जैश-ए-मोहम्मद का प्लान?
सूत्रों के मुताबिक, ये ग्रुप 2024 के बाद से एक्टिव है और इसका मकसद, महिलाओं को ब्रेनवॉश करके उन्हें अपने नेटवर्क में शामिल करना है. मुख्य रूप से ये संगठन साइकोलॉजिकल वारफेयर (मानसिक युद्ध) पर केंद्रित है. साथ ही संगठन ग्राउंड लेवल पर भर्ती का काम कर रहा है.
JeM के प्रोपगैंडा प्लेटफॉर्म ‘अल-कलाम मीडिया’ द्वारा जारी एक सर्कुलर में मक्का-मदीना की तस्वीरें और कुरान की आयतें शामिल की गई हैं, ताकि इसे धार्मिक वैधता प्रदान की जा सके. सर्कुलर में भावनात्मक अपील लिखी गईं हैं जो पढ़ी-लिखी शहरी मुस्लिम महिलाओं को टारगेट करती हैं. इसका मकसद महिलाओं को धर्म के नाम पर बरगलाकर संगठन के लिए इस्तेमाल करना है.
भारत में ऑनलाइन नेटवर्क के जरिए एक्टिव:
जमात अल-मुमिनात’ जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और दक्षिण भारत के कुछ इलाकों में ऑनलाइन नेटवर्क के ज़रिए एक्टिव है. सोशल मीडिया, व्हाट्सऐप ग्रुप्स और कुछ मदरसों के नेटवर्क के ज़रिए इस ग्रुप की गतिविधियां फैल रही हैं. इसका मकसद है , महिलाओं को धर्म के नाम पर बरगलाना और संगठन के लिए इस्तेमाल करना.
खुफिया एजेंसियां सतर्क:
भारतीय खुफिया एजेंसियां को मिले इनपुट से साफ है कि भारत की सर्जिकल स्ट्राइक और ऑपरेशनों से हिल चुके आतंकी संगठन अब अपने तौर-तरीके बदल रहे हैं. लेकिन खुफिया एजेंसियां भी आतंकी संगठनों की हर एक्टिविटी पर नजर बनाए हुए हैं.









