यद्यपि ऐसा करना हमेशा गलत होता है, लेकिन कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं जो व्यक्ति को ऐसे कदम उठाने पर मजबूर कर देती हैं। लेकिन जब सब कुछ सही होता है तब भी कई लोग ऐसे कदम उठाते हैं जो निश्चित रूप से गलत होते हैं।
तो, आइए कुछ मुख्य कारणों पर नज़र डालें कि क्यों लोग शादी के बाद भी विवाहेतर संबंध रखना पसंद करते हैं।
1. भावनात्मक असंतोष:
जब किसी व्यक्ति को अपने साथी से भावनात्मक जुड़ाव, अंतरंगता या समझ नहीं मिलती, तो वह किसी और के प्रति आकर्षित हो सकता है। यह भावनात्मक शून्यता उसे बाहरी रिश्ते की ओर धकेलती है।
2. शारीरिक पीड़ा:
यदि शारीरिक संबंधों में असंतोष है, जैसे प्यार की कमी, इच्छाओं में अंतर या असंगति, तो कुछ लोग अपनी शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए शादी के बाद अफेयर की ओर रुख करते हैं।
3. जुनून और आकांक्षा:
अक्सर, लम्बे समय तक रिश्ते में रहने के बाद, लोग कुछ नए रोमांस और उत्साह की तलाश में विवाहेतर संबंधों की ओर आकर्षित होते हैं। इसे “नवीनता प्रभाव” कहा जाता है, जो किसी नई चीज़ में रुचि पैदा करता है।
4. प्रासंगिक अवसर और सामाजिक प्रभाव:
यदि कोई व्यक्ति ऐसे माहौल में पड़ता है जहां शादी में बेवफाई आम बात मानी जाती है, या कार्यस्थल या सोशल मीडिया पर आकर्षण होता है, तो यह भी एक कारक हो सकता है। इसके अलावा, कुछ लोग अवसर मिलने पर भी अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाते।
5. बदला या प्रतिशोध:
कभी-कभी व्यक्ति अपने जीवनसाथी की बेवफाई या उपेक्षा का बदला लेने के लिए विवाहेतर संबंध बनाता है। यह एक प्रकार का “भावनात्मक बदला” है। इसका मतलब है दर्द का जवाब दर्द से देना। ये रिश्ते आमतौर पर क्रोध या चोट से पैदा होते हैं और बाद में पछतावे का कारण बन सकते हैं।
6. अवसर और परिस्थितियाँ:
आज की दुनिया में, सोशल मीडिया, कार्यस्थल और डिजिटल मीडिया ने लोगों से जुड़ना आसान बना दिया है। जब अवसर प्रचुर हों और सीमाएं कमजोर हों, तो लोगों को आसानी से बहकाया जा सकता है। BBC की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे तकनीक ने रिश्तों को प्रभावित किया है।
हालांकि, विवाहेतर संबंध केवल एक व्यक्ति की “गलती” नहीं है, बल्कि यह गहरी जरूरतों और भावनात्मक संघर्षों का संकेत है, जिन्हें अक्सर रिश्तों में नजरअंदाज कर दिया जाता है।