Diwali Gift for Public, दिवाली पर जनता के लिए गिफ्ट: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को एक बड़ा तोहफा देने की घोषणा की है। उन्होंने का कि दिवाली पर GST में हम बड़ा रिफॉर्म लेकर आ रहे हैं, जिससे टैक्स कम हो जाएंगे। PM के इस घोषणा के बीच, वित्त मंत्रालय ने GST Council को एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें स्ट्रक्चरल रिफॉर्म, टैक्स रेट को कम करना और जीएसटी को और आसान बनाना है।
2017 में लागू हुआ था GST:
सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में GST लागू किया था। इसके बाद केंद्र और राज्य सरकारों के 17 करों और 13 उपकरों को हटा दिया गया था। GST के 8 साल पूरे होने पर वित्त मंत्रालय ने इस दौरान हासिल की गई उपलब्धियों को लेकर पोस्ट किया था।
GST एक इनडायरेक्ट टैक्स है। इसे कई तरह के इनडायरेक्ट टैक्स जैसे VAT, सर्विस टैक्स, परचेज टैक्स, एक्साइज ड्यूटी को रिप्लेस करने के लिए 2017 में लागू किया गया था।
GST को चार हिस्सों में डिवाइड किया गया है:
CGST (केंद्रीय जीएसटी): केंद्र सरकार द्वारा एकत्र किया जाता है।
SGST (राज्य जीएसटी): राज्य सरकारों द्वारा एकत्र किया जाता है।
IGST (एकीकृत जीएसटी): अंतरराज्यीय लेनदेन और आयात पर लागू, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच विभाजित।
उपकर: स्पेसिफिक पर्पज के लिए फंड जुटाने के लिए स्पेसिफिक गुड्स (जैसे, लग्जरी आइटम्स, तंबाकू) पर लगाया जाने वाला अतिरिक्त शुल्क।
GST में बदलाब:
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “पिछले आठ वर्षों में हमने जीएसटी में कई बड़े सुधार किए हैं। अब समय की मांग है कि इसे और सरल किया जाए। हमने राज्यों के साथ विचार-विमर्श किया और एक उच्च स्तरीय समिति के जरिए समीक्षा पूरी की है। इस दिवाली तक नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी सुधार लागू होंगे, जिससे आम लोगों, व्यापारियों, और छोटे-मध्यम उद्यमों (MSME) को बड़ी राहत मिलेगी।”
पहला बदलाव- स्ट्रक्चरल रिफॉर्म:
केंद्र सरकार इनपुट और आउटपुट टैक्स रेट्स के बीच के अंतर को खत्म करना चाहता है, ताकि टैक्स क्रेडिट को कम किया जा सके और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जा सके। वर्गीकरण संबंधी मुद्दों को भी सुव्यवस्थित करने की योजना है, ताकि मौजूदा विवाद और नियम संबंधी समस्याएं कम हो सकें। लॉन्ग टर्म में दरों को स्थिर और नीतिगत बनाने का भी लक्ष्य रखा गया है।
दूसरा बदलाव- सिर्फ दो स्लैब:
नए GST रिफॉर्म के तहत सिर्फ 2 स्लैब रखने का प्रस्ताव है। अभी के समय में 0%, 5%, 12%, 18% और 28% स्लैब हैं, जिस घटाकर ‘स्टैंडर्ड और योग्यता’ वाले सिर्फ 2 स्लैब ही रखे जाएंगे. विशेष दरें सिर्फ कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर ही लागू होंगी। प्रस्ताव में जरूरी और महत्वाकांक्षी वस्तुओं पर टैक्स में कटौती भी शामिल है, ताकि कंजम्प्शन बढ़े। टैक्स कम होने से कई वस्तुएं सस्ती दरों पर मिलेंगी, जिससे मिडिल क्लास, छात्र और किसानों से लेकर एक व्यापक संख्या तक को लाभ मिलेगा।
तीसरा बदलाव- छोटे व्यवसायों को लाभ:
तीसरा बदलाव छोटे व्यवसायों और डिजिटल को आसान बनाने को लेकर है। इसमें एक बिना रुकावट वाली तकनीक बनाना, गलतियों और मानवीय हस्तक्षेप को कम करने के लिए पहले से भरे हुए GST रिटर्न पर जल्दी रिफंड जारी करना आदि शामिल है।
पीएम का ‘स्वदेशी’ पर जोर:
पीएम मोदी ने व्यापारियों से अपील की कि वे स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा, “मजबूरी में नहीं, बल्कि मजबूती के साथ स्वदेशी अपनाएं। दुकानों पर ‘स्वदेशी माल बिकता है’ का बोर्ड लगाएं।” उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के लिए स्वदेशी को सामाजिक मंत्र बनाने की बात कही।
अन्य बड़ी घोषणाएं:
जीएसटी सुधार के साथ-साथ, पीएम मोदी ने ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना’ की भी घोषणा की, जिसके तहत 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 3.5 लाख युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इस योजना के तहत निजी क्षेत्र में पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं को 15,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।