Conditions Of Putin For Ukraine Ceasefire, रूस-यूक्रेन युद्ध बिराम: यूक्रेन के साथ शांति समझौते के लिए रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने तीन शर्तें रखी हैं। जैसे की डोनबास क्षेत्र का पूर्ण नियंत्रण, यूक्रेन का नाटो में शामिल न होना, और यूक्रेन को दोनेत्स्क, लुहांस्क, खे़रसोन और ज़ापोरज़िया से अपने सैनिक हटाने होंगे। 15 अगस्त 2025 को अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई तीन घंटे की शिखर वार्ता के बाद ये मांगें सामने आई हैं। पुतिन ने कहा कि यह बैठक शांति का मार्ग प्रशस्त कर सकती है, जबकि ट्रंप ने इसे “बेहद उपयोगी” बताया।
अलास्का शिखर वार्ता:
15 अगस्त को अलास्का के जॉइंट बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन में हुई ट्रंप-पुतिन मुलाकात में कोई सीजफायर समझौता नहीं हुआ। ट्रंप ने पहले सीजफायर पर जोर दिया था, लेकिन बैठक के बाद वे पुतिन के रुख के साथ आए, जो सीधे स्थायी शांति समझौते की बात करता है। ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को बताया कि दोनों नेताओं ने “जमीन के आदान-प्रदान” और यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी पर चर्चा की, जिसमें नाटो-जैसी सुरक्षा व्यवस्था शामिल हो सकती है, बशर्ते यूक्रेन नाटो में शामिल न हो। ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से कहा कि वह “सौदा करें”, क्योंकि “रूस एक बड़ी ताकत है।”
क्या पुतिन की शर्तें भरोसेमंद लायक है?
पुतिन ने युद्ध ख़त्म करने की शर्तें यूक्रेन की ओर से आयोजित होने वाले शांति सम्मेलन से एक दिन पहले रखी हैं। शनिवार को ये शांति सम्मेलन स्विट्जरलैंड के बर्जनस्टॉक में होगा। स्विट्जरलैंड की सरकार ने कहा है कि शांति सम्मेलन में 92 देशों और आठ संगठनों के 100 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। हालांकि रूस के प्रतिनिधियों को नहीं बुलाया गया है। चीन, ब्राजील और सऊदी अरब के प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है।
सम्मेलन में दो दिनों तक बातचीत होगी। उम्मीद है कि इसके अंत में एक बयान जारी किया जाएगा, जो यूक्रेनी शांति फॉर्मूले के तीन बिंदुओं से जुड़ा होगा। ये तीन मुद्दे खाद्य सुरक्षा, परमाणु विकिरण और सुरक्षा के साथ ही मानवीय मुद्दों से जुड़े होंगे। इसमें यूक्रेनी बच्चों समेत सभी यूक्रेनी कैदियों और पकड़े गए यूक्रेनी लोगों की रिहाई शामिल है।
सम्मेलन की योजना के मुताबिक ये मध्यस्थ फिर रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता कराएंगे। पहले भी इस तरह की बातचीत में समझौते हो चुके हैं। जैसे यूक्रेन से अनाज के निर्यात को मंजूरी देने के लिए ‘ग्रेन कॉरिडोर’ बनाया गया था। हालांकि अभी ये पक्का नहीं है कि युद्ध रोकने को लेकर दिए गए गए पुतिन के बयान से शांति सम्मेलन के एजेंडे में कोई बदलाव होगा या नहीं।
ज़ेंलेस्की ने पुतिन की शर्तों पर क्या कहा:
जेलेंस्की ने कहा कि जहां तक वो समझते हैं कि पुतिन सैन्य हमला नहीं रोकेंगे भले ही युद्धविराम से जुड़ी उनकी शर्तें हम मान क्यों न लें।
उन्होंने कहा कि पुतिन के ये संदेश उसी तरह के हैं जैसे हिटलर दिया करते थे। इस बात को सौ साल भी नहीं हुए हैं। जेलेंस्की ने कहा, ”हिटलर कहा करते थे मुझे चेकोस्लोवाकिया का एक हिस्सा दे दो और मैं युद्ध ख़त्म कर दूंगा। ये पूरी तरह एक झूठ था. इसके बाद हिटलर ने पौलेंड का एक हिस्सा मांगा था। लेकिन इसके बाद भी पूरे यूरोप पर हिटलर ने अपना कब्जा बनाए रखा था।