Artificial Intelligence, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रही एआई तकनीक आने वाले समय में श्रम बजार पर बड़ा असर डालने वाली है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वजह से नौकरियां जाने की आशंका दुनियाभर में जताई जा रही है. बैंकिंग दिग्गज मॉर्गन स्टेनली ने अपनी एक रिसर्च रिपोर्ट में आशंका जताई कि एआई अपनाने से 90 प्रतिशत व्यवसायों पर असर पड़ सकता है. बैंक अपने 80000 कर्मचारियों में से इस महीने के अंत तक 2,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा देगा. कुछ कर्मचारियों को निकालने का आधार जहां कपंनी ने उनके कमजोर प्रदर्शन को बनाया है, वहीं एआई और ऑटोमेशन भी बड़ी संख्या में कर्मचारियों की निकालने की वजह बने हैं.
AI का बढ़ता दबदबा:
ऐसा नहीं है कि मॉर्गन स्टेनली अकेले एआई के कारण नौकरियां कम कर रहा है. ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जेपी मॉर्गन (JPMorgan) और गोल्डमैन सॉक्स जैसे 100 के करीब बैंकों के उच्च अधिकारियों ने माना है कि अगले 3 से 5 साल में उनके बैंकों में 3 फीसदी नौकरियां एआई के कारण खत्म हो जाएंगी. अमेरिका की ही बात करें तो वहां करीब 200,000 नौकरियों पर खतरा है.
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि इसमें से 490 अरब डॉलर एजेंटिक एआई से आएंगे. यह न्यूनतम मानवीय निगरानी के साथ योजना बनाने, निर्णय लेने और कार्य निष्पादन में सक्षम सॉफ्टवेयर है. इसमें 430 अरब डॉलर मानव जैसे रोबोट के समान तकनीक वाले कृत्रिम बुद्धिमत्ता से आएंगे. रिपोर्ट के अनुसार लंबी अवधि में एसएंडपी 500 के बाजार पूंजीकरण में 13 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से 16 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि में तब्दील हो सकता है.
नए तरह की कौशल की होगी मांग:
मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि विद्युतीकरण से लेकर इंटरनेट तक, तकनीकी क्रांतियों ने ऐतिहासिक रूप से काम किया है और रोजार को नया रूप दिया है. एआई कुछ नौकरियों को खत्म कर सकता है लेकिन इससे पूरी तरह से नए पेशे सृजित होने और नए तरह की कौशल की मांग को बढ़ावा मिलने की भी पूरी उम्मीद है. मॉर्गन स्टेनली की अमेरिकी अर्थशास्त्री हीथर बर्जर ने कहा, “हालांकि कुछ भूमिकाएं स्वचालित हो सकती हैं, वहीं अन्य में एआई के इस्तेमाल से सुधार देखने को मिलेगा. एआई के पूरी तरह से नई भूमिकाएं सृजित करने की संभावना है.”









